जंगली जीवों के अंगों की तस्करी करते तीन आरोपी गिरफ्तार
चंडीगढ़, 15 दिसंबर:
पंजाब में जंगली जीवों की सुरक्षा तथा उनसे जुड़े अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से, मुख्य वन्यजीव वार्डन पंजाब श्री बसंता राज कुमार आई.एफ.एस., श्री सतिंदर कुमार सागर आई.एफ.एस. (मुख्य वन संरक्षक – वन्यजीव) तथा श्री विशाल चौहान आई.एफ.एस. (वन संरक्षक, पार्क एवं प्रोटेक्टेड सर्कल) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और वन्यजीव अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, वन मंडल अधिकारी वन्यजीव मंडल फिल्लौर श्री विक्रम सिंह कुंदरा आई.एफ.एस. के नेतृत्व में गुप्त सूचना के आधार पर जंगली जीवों के अंगों की तस्करी के संबंध में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम का नेतृत्व श्री जसवंत सिंह, वन रेंज अधिकारी जालंधर ने किया।
टीम में जालंधर रेंज से निर्मलजीत सिंह ब्लॉक अधिकारी, मलकीत सिंह वन गार्ड, नवतेज सिंह बाठ तथा कपूरथला रेंज से रणजीत सिंह ब्लॉक अधिकारी, बोबिंदर सिंह और रणबीर सिंह उप्पल शामिल थे।
टीम द्वारा नकोदर में एक जाल बिछाया गया, जिसमें टीम के एक सदस्य ने ग्राहक बनकर तस्कर से सौदा तय किया। मौके पर बोनी अरोड़ा पुत्र भारत भूषण, निवासी नकोदर, डिलीवरी देने पहुंचा, जिसे टीम ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से जंगली जीव सांभर के दो कटे हुए सींगों के टुकड़े, हथ्थां-जोड़ी के 6 टुकड़े तथा जंगली बिल्ली की ज़ेर बरामद की गई।
पूछताछ के दौरान बोनी अरोड़ा ने बताया कि यह सामान उसे शिवम गुप्ता पुत्र गुलशन राय, निवासी नकोदर, जो “दुर्गा दास पंसारी” नामक दुकान चलाता है, द्वारा भेजा गया था। टीम ने तुरंत शिवम गुप्ता की दुकान पर छापा मारकर पूछताछ की, जिसमें उसने स्वीकार किया कि वह जंगली जीवों के अंगों का अवैध कारोबार करता है और यही सामान उसने बोनी अरोड़ा को डिलीवरी के लिए भेजा था। उसने आगे बताया कि यह सामान वह दीपक उर्फ काला पुत्र विजय कुमार गुप्ता, निवासी नकोदर, जिला जालंधर से खरीदता है, जो नकोदर में “वलैती राम पंसारी एवं किराना स्टोर” चलाता है।
टीम ने तुरंत दीपक उर्फ काला की दुकान पर छापा मारा, जहां से जंगली जीव सांभर के दो कटे हुए टुकड़े और एक हथ्थां-जोड़ी बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान दीपक उर्फ काला ने स्वीकार किया कि उसी ने यह सामान शिवम गुप्ता को सप्लाई किया था।
टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर बरामद सामग्री सहित थाना नकोदर में पेश किया तथा आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 संशोधन 2003 की धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया गया।
इस अवसर पर श्री जसवंत सिंह, रेंज अधिकारी ने बताया कि जंगली जीवों का अवैध व्यापार करना दंडनीय अपराध है और ऐसे कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की जांच भी जारी है।


