महाराजा रणजीत सिंह एएफपीआई के पांच पूर्व विद्यार्थी भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना में हुए शामिल
चंडीगढ़, 13 दिसंबर:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के कुशल नेतृत्व में देश के लिए वीर सैनिक तैयार करने की पंजाब की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, मोहाली स्थित प्रतिष्ठित महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेज़ प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट (एमआरएसएएफपीआई) के पांच पूर्व विद्यार्थियों को आज भारतीय सशस्त्र सेनाओं में अधिकारियों के रूप में शामिल किया गया है।
इंडियन मिलिट्री अकैडमी (आईएमए), देहरादून में 157वें रेगुलर कोर्स की पासिंग आउट परेड, जिसकी समीक्षा जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ द्वारा की गई, के दौरान चार कैडेटों को भारतीय सेना में शामिल किया गया।
भारतीय सेना में शामिल होने वाले कैडेटों में गुरकीरत सिंह (अमृतसर), जिनके पिता कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के सेवानिवृत्त सैनिक हैं; बरजिंदर सिंह (गुरदासपुर), जिनके पिता स्कूल प्रिंसिपल और माता पीएसपीसीएल सुपरडेंट हैं; सुखदेव सिंह गिल (गुरदासपुर), जिनके पिता सेवानिवृत्त पीएसपीसीएल जेई हैं; तथा विनायक शर्मा (पठानकोट), जिनके माता-पिता निजी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं, शामिल हैं।
एक अन्य कैडेट, कुश पांड्या (लुधियाना), को हैदराबाद के डुंडीगल स्थित एयर फोर्स अकैडमी (एएफए) में 216वें कोर्स से भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में शामिल किया गया। इस परेड का निरीक्षण जनरल अनिल चौहान, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा किया गया। कुश भारतीय सशस्त्र सेनाओं में विशिष्ट सेवाएं देने वाले परिवार से संबंधित हैं। उनके पिता सेवानिवृत्त आईएएफ ग्रुप कैप्टन हैं और उनकी माता आर्मी मेडिकल कॉर्प्स की सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने एमआरएसएएफपीआई के पूर्व कैडेटों को भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कैडेटों को अधिकारियों के रूप में अपने करियर में और अधिक मेहनत करने तथा पंजाब का सिर और ऊंचा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और उन्हें सशस्त्र सेनाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान कर रही है।
महाराजा रणजीत सिंह एएफपीआई के निदेशक, मेजर जनरल अजय एच. चौहान, वीएसएम (सेवानिवृत्त) ने पूर्व कैडेटों को उनकी नियुक्ति पर बधाई देते हुए उन्हें भारतीय रक्षा सेवाओं के आदर्शों पर खरा उतरने तथा देश, राज्य और संस्थान का मान बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इन पांच कैडेटों की नियुक्ति के साथ अब तक एमआरएसएएफपीआई के कुल 186 कैडेट भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल हो चुके हैं।


