बिहार चुनाव से पहले बड़ा फैसला, देश में जाति जनगणना करवाएगी मोदी सरकार

बिहार चुनाव से पहले बड़ा फैसला, देश में जाति जनगणना करवाएगी मोदी सरकार

मोदी कैबिनेट ने जाति जनगणना को मंजूरी दी है. मूल जनगणना में ही जाति जनगणना होगी. बुधवार को हुई CCPA की बैठक में मोदी सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है. कांग्रेस ने प्रस्ताव के बावजूद सिर्फ सर्वे कराया. कांग्रेस ने अपने लाभ के लिए इसका उपयोग किया. कई राज्यों ने जातिगत जनगणना की है, जिससे भ्रांति फैली है. जाति की गणना मूल जनगणना में शामिल होनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है. साल 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर मंत्रिमंडल में विचार किया जाना चाहिए. इस अहम मुद्दे पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था. अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की थी.

उन्होंने कहा, इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जाति सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वे किए हैं. जबकि कुछ राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है. वहीं कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वे किए हैं. ऐसे सर्वे समाज में संदेह पैदा करते हैं. यह तय करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वे के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा, इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जाति सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वे किए हैं. जबकि कुछ राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है. वहीं कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वे किए हैं. ऐसे सर्वे समाज में संदेह पैदा करते हैं. यह तय करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वे के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.