चंडीगढ़ में 345 ठगों के सिम बंद:1900 गैंगस्टर सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक, साइबर क्राइम पर एक्शन तेज, ऑपरेशंस सेंटर से होगी निगरानी
चंडीगढ़ पुलिस साइबर अपराधियों और गैंगस्टर गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। पिछले दो वर्षों में 345 साइबर ठगों के मोबाइल सिम ब्लॉक करवाए गए हैं। इसके अलावा और मामलों में भी कार्रवाई के लिए नई लिस्ट तैयार की जा रही है।
साथ ही, साइबर सेल ने गैंगस्टर और गन कल्चर के प्रचार-प्रसार पर भी कड़ी कार्रवाई करते हुए 1900 सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्लॉक कराए हैं। इन अकाउंट्स के जरिए अपराधों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा था और हथियारों की संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा था।
साइबर सेल की यह कार्रवाई चंडीगढ़ व आसपास के इलाकों में बढ़ती गैंगस्टर गतिविधियों को रोकने के मकसद से की गई है। पुलिस का कहना है कि आगे भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नजर
चंडीगढ़ में गैंगस्टरों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। कई बार वे क्लबों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर अपना दबदबा दिखाते हैं। सेक्टर-10 और सेक्टर-26 के क्लब के बाहर हुए बम धमाके, सोनू शाह की हत्या, बाउंसर सुरजीत की हत्या और सेक्टर-38 गुरुद्वारे के बाहर गोलीकांड जैसे मामलों में गैंगस्टरों के नाम सामने आ चुके हैं। ये अपराधी वारदात के बाद सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो डालते हैं और खुद ही अपराध की जिम्मेदारी लेते हैं, जिससे लोग डरने लगते हैं।
गैंगस्टर और उनके साथी सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर लोगों को डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं। वे कहते हैं- "गूगल पर सर्च कर लो, कौन बोल रहा हूं, पता चल जाएगा। "ऐसी धमकियां फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर दी जाती हैं।
वे वीडियो पोस्ट करते हैं जिसमें वे पुलिस के साथ अदालत में जाते हैं या पैरोल पर जेल से बाहर आते हैं। इसका मकसद खुद को खतरनाक दिखाकर लोगों में डर फैलाना और बाद में पैसे की वसूली करना होता है।
चंडीगढ़ साइबर सेल ने सख्त कदम उठाते हुए ऐसे 1900 फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद करवाए हैं। ये अकाउंट्स खासतौर पर युवाओं को प्रभावित कर रहे थे जो गैंगस्टरों की जीवनशैली से आकर्षित हो रहे थे। पुलिस का मकसद युवाओं को नशे और अपराध से बचाकर उन्हें सही रास्ते पर लाना है।
अब साइबर अपराध पर लगेगी रोक
चंडीगढ़ के सेक्टर-18 में देश का पहला साइबर ऑपरेशंस एंड सिक्योरिटी सेंटर शुरू किया गया है। यह सेंटर साइबर अपराधियों की पहचान करने और उनकी हरकतों को रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटर सिस्टम को सुरक्षित रखने का काम भी यही कर रहा है।


