मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्यों नहीं पिलाना चाहिए पानी? ये रहा जवाब।
मिर्गी यानी एपिलेप्सी एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें मरीज को अचानक झटके आने लगते हैं. ये स्थिति देखने में भले ही डरावनी लगे, लेकिन इससे सही ढंग से निपटा जाए तो मरीज को सुरक्षित रखा जा सकता है. अक्सर लोग दौरा पड़ते ही घबराकर मरीज को पानी पिलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है? न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन शर्मा कहते हैं कि मिर्गी के दौरे के समय पानी पिलाना एक बहुत बड़ी भूल है, जो मरीज की जान को खतरे में डाल सकती है.
मिर्गी के दौरे के समय पानी क्यों नहीं पिलाना चाहिए?
दौरे के दौरान गले की मांसपेशियां सुन्न हो जाती हैं
जब किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो उसके गले और मुँह की मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रहता. ऐसे में अगर आप उसे पानी पिलाने की कोशिश करते हैं, तो पानी सीधे श्वास नली में चला जा सकता है.
बेहोशी की अवस्था में पानी देना जोखिम भरा
मिर्गी के दौरान मरीज़ पूरी तरह होश में नहीं होता. इस स्थिति में पानी पिलाने से वह उसे न निगल सकता है न थूक सकता है, जिससे aspiration pneumonia जैसी खतरनाक स्थिति हो सकती है.
दौरे के दौरान क्या करें?
- व्यक्ति को ज़मीन पर लिटाएं और आसपास जगह खाली करें
- सिर के नीचे कुछ नरम रखें (जैसे तकिया या रुमाल)
- सिर को साइड में मोड़ दें, ताकि लार बाहर निकल सके
- घड़ी देखना न भूलें, दौरा 5 मिनट से ज्यादा चले तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं
- दौरे के दौरान मरीज़ को पकड़ने या झकझोरने की कोशिश न करें
- पानी, दवा या खाना न दें, जब तक वह पूरी तरह होश में न आ जाए
क्या नहीं करना चाहिए?
- मुंह में चम्मच, उंगली या कोई वस्तु न डालें
- मरीज को उठाकर जबरन खड़ा करने की कोशिश न करें
- भीड़ न लगाएं, उसे खुली हवा और शांति दें
- दौरे के तुरंत बाद सवाल-जवाब न करें
मिर्गी का दौरा आने पर मरीज़ को संभालना जितना जरूरी है, उतना ही ज़रूरी है सही जानकारी होना. पानी पिलाना मदद नहीं, नुकसान बन सकता है. सही प्राथमिक उपचार से मरीज की हालत को सुरक्षित रखा जा सकता है. इसलिए अगर आपके आसपास किसी को मिर्गी का दौरा पड़े, तो घबराएं नहीं, सही कदम उठाएं और गलतियों से बचें.
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