दिल्ली में गर्मी का ये है सबसे बड़ा रिकॉर्ड, यहां तक पहुंच गया था पारा

दिल्ली में गर्मी का ये है सबसे बड़ा रिकॉर्ड, यहां तक पहुंच गया था पारा

दिल्ली में इस वक्त आसमान से आग बरस रही है. भीषण गर्मी और लू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. दिल्ली में बीते दिनों पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे लोगों में त्राहिमाम वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है. भारतीय मौसम विभाग आईएमडी ने दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने कहा है कि अभी कुछ दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा और लू चलती रहेगी. रेड अलर्ट के तहत लोगों को सतर्क रहने, धूप में बाहर बेवजह न जाने और खूब पानी पीने की सलाह दी है. मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि 13 जून की रात दिल्ली में हल्की बारिश होने की संभावना है. 

दिल्ली के 45 डिग्री पारा ने लोगों की हालत खराब करके रख दी है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि दिल्ली में कब गर्मी का रिकॉर्ड टूटा था और उस दौरान पारा कितने डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. चलिए आपको इस बारे में बताते हैं. 

 

दिल्ली में किस साल कितना दर्ज हुआ तापमान

साल 2024 मई की बात है जब किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि दिल्ली में उस साल ऐसी गर्मी पड़ेगी जैसी की रेगिस्तानी इलाकों में पड़ती है. तब मई महीने के अंत में दिल्ली की स्थिति यह थी कि वो दुबई से भी ज्यादा गर्म हो गया था. वो दिन इतिहास में दिल्ली का सबसे गर्म दिन था. 28 मई 2024 को दिल्ली के मुंगेशपुर में अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस यानि 53 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया था. इसको लेकर आईएमडी ने तो यहां तक कह दिया था कि मुंगेशपुर में दर्ज किया गया 52 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक का तापमान सेंसर में त्रुटि या स्थानीय कारक कह दिया था. 

क्यों इतना गर्म हो रहा है दिल्ली

भारतीय मौसम विभाग का कहना था कि राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं से सबसे पहले शहर के बाहरी इलाके प्रभावित होते हैं. दिल्ली के कुछ इलाके गर्म हवाओं के आने से सबसे पहले अतिसंवेदनशील हो जाते हैं, जिससे कि मौसम खराब हो जाता है. इसीलिए मौसम का सबसे पहला प्रकोप मुंगेशपुर, नरेला और नांगलोई जैस क्षेत्र झेलते हैं. वहीं इस बार भीषण गर्मी के मौसम के लिए मौसम विभाग का कहना है कि इस बार लोगों को गर्मी का एहसास इसलिए भी ज्यादा हो रहा है, क्योंकि पिछले साल यहां पर हीटवेव की स्थिति नहीं बनी थी और अब हीटवेव चल रही है.