किश्तवाड़ हादसा अपडेट: अब तक 65 शव बरामद, बड़ी संख्या में नदी में बह गए लोग
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चुशोती इलाके में बादल फटने की घटना के बाद भारी तबाही हुई है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य लगातार चला रही है. एबीपी न्यूज की टीम ने भी चुशौती इलाके में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. डेड बॉ़डी के साथ लापता लोगों को भी तलाशने का काम जारी है. माता मचेल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु गए थे और इस आपदा में फंस गए, उन्हें वैकल्पिक पुल बनाकर निकालने का काम किया जा रहा है.
एसडीआरएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और पैरा मिलिट्री की टीम तैनात वहां थी. जब ये हादसा हुआ तो सबसे पहले रिस्पॉन्स करने वाली SDRF की टीम थी. उन्ही टीम के कॉस्टेबल अब्दुल गिनी ने बताया, ''मैं मौके पर तैनात था. जिस रूम में मैं था, वहां बिल्डिंग में अब कुछ नहीं रहा. सबकुछ खत्म हो गया. मैं सिर्फ 10 मिनट पहले जो पुल बना था, उसके ऊपर गया था. वहां बहुत सारे लोग थे, सेल्फी ले रहे थे. हम हर रोज बोलते थे कि यहां सेल्फी मत लो लेकिन लोग मानते ही नहीं थे. लेकिन हम भी अपनी तरफ से उन्हें इधर से निकालने की कोशिश करते थे.
उन्होंने आगे बताया, ''महज 10-15 मिनट हुए थे, हम खाना खाने के लिए ऊपर गए थे. 10 सेकंड लगे हैं फ्लड आने में, सारा कुछ नष्ट हो गया. जब फ्लड आया तो अंधेरा छा गया था, कुछ नजर नहीं आ रहा था. कहां कौन जा रहा है, कुछ पता नहीं चल रहा था. 10 मिनट के बाद पता चल रहा था कि यहां क्या हुआ है. हमने 20-25 जख्मी लोगों को इधर से उठाया था. एसडीआरएफ ने 10 की डेड बॉडी उठाई.''

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जब उनसे पूछा गया कि ऐसे वक्त में ऑपरेशन कितना मुश्किल होता है? इस पर उन्होंने कहा, ''उस वक्त ऑपरेशन बहुत मुश्किल होता है, उस टाइम समझ में आता है कि क्या करना है? हर कोई बोल रहा था मुझे बचाओं, मुझे बचाओ. हमने लोगों को बचाने की बहुत कोशिश की. अपने आप को भी सेफ करना है और लोगों को भी सुरक्षित रखना है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी लगी है. हम लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. कहीं डेड बॉडी है या जो लोग लापता हैं, उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.''


