होशियारपुर में गूंजी कला की स्वर-लहरियां: 385 बच्चों ने 15 स्कूलों की भागीदारी में दिखाया सांस्कृतिक कौशल

होशियारपुर में गूंजी कला की स्वर-लहरियां: 385 बच्चों ने 15 स्कूलों की भागीदारी में दिखाया सांस्कृतिक कौशल

होशियारपुर, 26 नवंबर: होशियारपुर शहर आज उस समय कला और संस्कृति की स्वर–लहरियों से सराबोर हो उठा, जब सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र द्वारा डी.ए.वी कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित 18वीं अंतर/ज़िला संगीत प्रतियोगिता का सफल और भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम होशियारपुर की युवा प्रतिभाओं के लिए एक ऐतिहासिक मंच साबित हुआ, जिसमें 15 प्रतिष्ठित विद्यालयों के 385 विद्यार्थियों ने गायन, एकल–समूह नृत्य, रंगोली और नुक्कड़ नाटक जैसी विविध सांस्कृतिक विधाओं में अपनी क्षमता और रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक ब्रम शंकर ज़िम्पा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मेयर सुरिंदर कुमार और कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत के प्रतिनिधि प्रदीप सैनी विशेष रूप से मौजूद हुए।
 प्रतियोगिता की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके उपरांत पूरा सभागार बच्चों की गायकी और नृत्य दक्षता की मधुर प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हो गया।

विधायक ब्रम शंकर ज़िम्पा ने कहा कि संगीत वह शाश्वत भाषा है, जो मनुष्य को मनुष्य से जोड़कर, दिलों में आत्मीयता और समाज में सद्भाव की नींव रखती है। उन्होंने कहा कि सतयुग दर्शन केंद्र जिस तरह बच्चों में संगीत के साथ–साथ संस्कारों का संचार कर रहा है, वह सराहनीय और अभिनंदनीय है। इस प्रकार के सांस्कृतिक प्रयास समाज में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बनते हैं और भावी नागरिकों के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं की प्रतिभा को प्रोत्साहन देना सरकार और समाज का संयुक्त दायित्व है, और ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों में आत्मविश्वास, सहयोग–भाव, नेतृत्व क्षमता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को मजबूत करती हैं।

आयोजन के दौरान निर्णायक मंडल में प्रतिष्ठित शिक्षाविद् प्रोफेसर नीता मिश्रा, प्रो. तरुण पाल सिंह और प्रो. नीतू मेहरा उपस्थित थे, जिन्होंने प्रस्तुतियों का सूक्ष्म और निष्पक्ष मूल्यांकन किया। केंद्र की प्रभारी मीना सिक्का ने अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया और संस्कृति–समर्पण के साथ सभी विद्यालयों तथा प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम संयोजक एवं केंद्र प्रधानाचार्य दीपेंद्रकांत ने बताया कि प्रतियोगिता का मुख्य ध्येय विद्यार्थियों को भारतीय कला–परंपरा और आध्यात्मिक संस्कारों से जोड़ते हुए, उनमें सांस्कृतिक चेतना, आत्मानुशासन और सेवा–भाव को विकसित करना है, ताकि युवा पीढ़ी केवल कला में ही नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों में भी समृद्ध बने।

 कार्यक्रम संयोजन–टीम के प्रमुख रविंद्र सचदेवा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रतियोगिता कुल 8 जिलों में निशुल्क आयोजित की जा रही है, जिसके तहत राउंड–1 की प्रक्रियाएं 28 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद सेमीफाइनल 29 नवंबर को रेड क्रॉस भवन में तथा ग्रैंड फिनाले 2 दिसंबर को कबीर नगर स्थित डेवीएट कॉलेज, जालंधर में आयोजित किया जाएगा, जहां प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः 5100, 3100 और 2100 रुपए की प्रोत्साहन राशि तथा स्मृति–चिन्ह प्रदान किए जाएंगे। प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा में एकल गायन में प्रथम स्थान जितेश कुमार, समूह गायन में प्रथम स्थान गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल, एकल नृत्य में प्रथम स्थान अनिकेत और समूह लोकनृत्य में प्रथम स्थान वुडलैंड ओवरसीज स्कूल ने प्राप्त किया। रंगोली में प्रथम स्थान गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल और नुक्कड़ नाटक में प्रथम स्थान एसडी सिटी पब्लिक स्कूल, आदमवाल को मिला। मंच संचालन निशा सिक्का और हेमू ठुकराल द्वारा प्रभावी ढंग से किया गया। अंत में राजीव और यतिन ने सभी अतिथियों, विद्यालय–प्रबंधन, अभिभावकों और आयोजन–टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।