बिक्रम मजीठिया को नहीं मिली राहत , पंजाब सरकार ने रिपोर्ट की दाख़िल

बिक्रम मजीठिया को नहीं मिली राहत , पंजाब सरकार ने रिपोर्ट की दाख़िल

आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार शिअद नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका और जेल में बैरक बदलने की मांग पर आज (25 जुलाई) मोहाली अदालत में सुनवाई हुई।

सरकार ने जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन इस पर अब 30 जुलाई को सुबह 10 बजे बहस होगी। फिलहाल मजीठिया को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।

मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने बताया कि अदालत में दो याचिकाएं लगी थीं। पिछली सुनवाई में अदालत ने एडीजीपी जेल से रिपोर्ट मांगी थी, जो आज सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई। सरकार ने इसे गोपनीय दस्तावेज मानने की अपील की, जिसे अदालत ने फाइल का हिस्सा बना लिया।

वकीलों ने इस रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी, जो उन्हें मिल गई है। बैरक बदलने से जुड़ी याचिका पर बहस 2 अगस्त को होगी। मजीठिया फिलहाल 2 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में हैं और आज उनकी गिरफ्तारी को एक महीना पूरा हो गया है।

मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर व दमबीर सिंह सोबती ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 2021 में मजीठिया के खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया था, उसमें अब तक चालान पेश नहीं किया गया है। सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में भी सरकार के पास कुछ भी नहीं है। वहीं अब तीसरा केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।

विजिलेंस अभी तक कोई पुख्ता एविडेंस जुटा नहीं पाई है। अब जबरन तथ्य पैदा किए जा रहे हैं। हम कोर्ट से पूरे मामले की जांच की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग करेंगे। वकीलों ने कुछ ऐसे लोगों के नाम भी बताए जिनका विजिलेंस से कोई लेन-देन नहीं है, लेकिन अब वे जांच कर रहे हैं। इनमें दिल्ली के एक रिटायर्ड सीबीआई अधिकारी और अन्य लोग शामिल हैं।

आय से अधिक संपत्ति मामले में जिन कंपनियों को मजीठिया से जुड़ा बताया गया था, वे भी जांच में टिक नहीं पाईं। वकीलों ने दो नाम गिनाए, जिन लोगों को घर से उठाया गया था। जब उनके परिवार वाले हाईकोर्ट पहुंचे तो उन्हें छोड़ दिया गया। उन पर मजीठिया के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया जा रहा है।

साथ ही कहा है कि वरना नशे के केस में फंसा देंगे। आज भी कोर्ट में एक व्यक्ति का बयान जबरन करवाने की कोशिश की जाएगी। उसकी भी तैयारी की गई है। उस सिम कार्ड भी उससे जोड़ा जाएगा।

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विजिलेंस ने मजीठिया को 25 जून को अरेस्ट किया था। वहीं, अब तक 2021 में कांग्रेस सरकार के समय दर्ज मामले के तहत तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय, ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर, मजीठिया के पूर्व पीए सहित कुल 6 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर उनकी संपत्तियों की जांच की गई है। सरकार का दावा है कि केस बेहद मजबूत है, जबकि मजीठिया के वकीलों का कहना है कि मामले में कोई दम नहीं है। उनका आरोप है कि सरकार मीडिया में तो बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन अदालत में उसके वकील पीछे हट जाते हैं।