भारत-अमेरिका में 6 महीने बाद भी ट्रेड डील क्यों नहीं:भारत मांसाहारी गाय का दूध लेने को तैयार नहीं; ट्रम्प ने 25% टैरिफ लगाया

भारत-अमेरिका में 6 महीने बाद भी ट्रेड डील क्यों नहीं:भारत मांसाहारी गाय का दूध लेने को तैयार नहीं; ट्रम्प ने 25% टैरिफ लगाया

अभी भारत पर अमेरिका ने 10% टैरिफ लगा रखा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ऐलान किया है कि वो भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाएंगे और रूस से हथियार और तेल खरीदने की वजह से जुर्माना भी लगाएंगे।

इतनी लंबी बातचीत के बाद भी दोनों देशों के बीच ट्रेड डील न हो पाने की 4 संभावित वजह हो सकती हैं।

1. एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में मतभेद

अमेरिका चाहता है कि उसकी डेयरी प्रोडक्ट्स (जैसे दूध, पनीर, घी आदि) को भारत में आयात की अनुमति मिले। अमेरिकी कंपनियां दावा करती हैं कि उनका दूध स्वच्छ और गुणवत्ता वाला है, और वो भारतीय बाजार में सस्ता भी पड़ सकता है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इस सेक्टर में करोड़ों छोटे किसान लगे हुए हैं। भारत सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में आएंगे, तो वे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।इसके अलावा, धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई है।

भारत में ज्यादातर लोग शुद्ध शाकाहारी दूध उत्पाद चाहते हैं, जबकि अमेरिका में कुछ डेयरी उत्पादों में जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम (जैसे रैनेट) का इस्तेमाल होता है।

इसलिए भारत की शर्त है कि कोई भी डेयरी उत्पाद तभी भारत में बिक सकता है जब वह यह प्रमाणित करे कि वह पूरी तरह शाकाहारी स्रोत से बना हो।

इसके साथ ही अमेरिका चाहता है कि गेहूं, चावल, सोयाबीन, मक्का और फलों जैसे सेब, अंगूर आदि को भारत के बाजार में कम टैक्स पर बेचा जा सके।वह चाहता है कि भारत अपनी इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करे। जबकि भारत अपने किसानों की सुरक्षा के लिए इन पर उच्च टैरिफ लगाता है ताकि सस्ते आयात से भारतीय किसान प्रभावित न हों।

इसके अलावा, अमेरिका जैव-प्रौद्योगिकी (GMO) फसलों को भी भारत में बेचने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारत की सरकार और किसान संगठन इसका कड़ा विरोध करते हैं।

2. ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी पर असहमति

अमेरिका ने 2 अप्रैल, 2025 को भारत समेत कई देशों पर 26% रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे 9 जुलाई तक के लिए सस्पेंड कर दिया।

भारत इस एक्स्ट्रा टैरिफ से सहमत नहीं है। इसके अलावा वह स्टील, एल्यूमीनियम, और ऑटो पार्ट्स पर पहले से लागू अमेरिकी टैरिफ में छूट की मांग कर रहा है।

दूसरी तरफ, अमेरिका 10% बेसलाइन टैरिफ को बनाए रखना चाहता है और भारत से कुछ सेक्टर्स में जीरो टैरिफ की मांग कर रहा है।

भारत ने अमेरिकी चिंताओं को देखते हुए अपने बजट में कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में भारी कटौती भी की थी।

3. अमेरिकी मार्केट में ज्यादा जगह चाहता है भारत

भारत और अमेरिका पहले एक मिनी ट्रेड डील पर काम कर रहे थे, जिसे 8 जुलाई, 2025 से पहले पूरा करने की योजना थी। हालांकि, अब दोनों देश एक बड़ा ट्रेड समझौता करना चाहते हैं, जिससे प्रोसेस जटिल हो गई है।

भारत चाहता है कि उसके कपड़ा, गहने, चमड़ा और प्लास्टिक इंडस्ट्री को अमेरिकी मार्केट में ज्यादा जगह मिले। दूसरी ओर, अमेरिका चाहता है कि भारत नॉन-टैरिफ दिक्कतों को कम करे। इस मुद्दे पर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई है।

4. भारत अपने आर्थिक हितों को लेकर सजग

एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को लेकर सावधानी बरत रहा है। ट्रम्प के बयानों को लेकर भारत सतर्क है, क्योंकि इससे ऐसी शर्तें थोपी जा सकती हैं जो पहले से तय वार्ता में अलग हो।

भारत ने साफ किया है कि वो ऐसी किसी डील पर साइन नहीं करेगा जो सिर्फ अमेरिकी फायदे को पूरा करे।

इसके अलावा भारत सरकार पर किसान संगठनों और सिविल सोसाइटी का भी दबाव है। सरकार इसकी अनदेखी नहीं कर सकती है।

ट्रम्प बोले- भारत पर 25% टैरिफ की एक वजह BRICS भी

डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के पीछे BRICS को भी एक वजह बताया। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।

भारत से ट्रेड डील के सवाल पर ट्रम्प ने कहा- हम अभी बातचीत कर रहे हैं। इसमें BRICS का भी मसला है। यह अमेरिका विरोधी देशों का ग्रुप है और भारत उसका मेंबर है। यह डॉलर पर हमला है और हम किसी को भी डॉलर पर हमला नहीं करने देंगे।

ट्रम्प ने कहा- यह थोड़ा BRICS की वजह से है और थोड़ा व्यापार की स्थिति की वजह से है। हमें बहुत बड़ा घाटा है। PM मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन वे हमारे साथ बिजनेस के मामले में बहुत ज्यादा कुछ नहीं करते हैं। उनका टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा है। अब वे इसमें काफी कटौती करने को तैयार हैं।

ट्रम्प पहले भी कह चुके हैं कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का BRICS समूह डॉलर के प्रभुत्व को खत्म करने की कोशिश करना चाहता है। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर वे ऐसा करते हैं तो ग्रुप के सदस्य देशों पर 10% टैरिफ लगाएंगे।

All That 'Taarif'...: Opposition Goes All-out on 'Howdy Modi' Over Trump's  '25 Percent Plus Penalty' Tariff on India | India News - Times Now

ट्रम्प ने पहले कहा था- भारत हमारे सामानों पर टैक्स नहीं लगाएगा

डोनाल्ड ट्रम्प ने 17 जुलाई को कहा था कि जल्द ही अमेरिकी उत्पादों को भारत के बाजारों में पहुंच मिलने वाली है। इंडोनेशिया फॉर्मूले के तरह अमेरिकी उत्पादों पर भारत में भी जीरो टैरिफ लगेगा।

ट्रम्प ने कहा था- हमने कई देशों के साथ समझौते किए हैं। हमारा एक और समझौता होने वाला है, शायद भारत के साथ। हम बातचीत कर रहे हैं। जब मैं लेटर भेजूंगा तो वो समझौता हो जाएगा।

ट्रम्प ने 15 जुलाई को इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ लगाया था। 1 अगस्त से इंडोनेशिया से अमेरिका जाने वाले सामानों पर 19% टैरिफ लगेगा। वहीं, अमेरिकी सामानों पर इंडोनेशिया में कोई टैरिफ नहीं लगेगा।

अमेरिकी टीम ट्रेड डील के लिए 25 अगस्त को भारत आएगी

बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर छठे राउंड की चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारी 25 अगस्त को भारत आएंगे।

दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड एग्रीमेंट्स का पहला चरण पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी तलाशी जा रही है।

Read also : ICC Rankings में टीम इंडिया की बादशाहत, तीनों फॉर्मेट में कुल 5 भारतीय खिलाड़ी No-1

Related Posts