कृषि विभाग के बजट में 19.2 प्रतिशत , बागवानी में 95.50 प्रतिशत , पशुपालन में 50.9 प्रतिशत तथा मत्स्य पालन विभाग में 144.40 प्रतिशत बजट बढ़ा

कृषि विभाग के बजट में 19.2 प्रतिशत , बागवानी में 95.50 प्रतिशत , पशुपालन में 50.9 प्रतिशत तथा मत्स्य पालन विभाग में 144.40 प्रतिशत बजट बढ़ा

चंडीगढ़ , 17 मार्च - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के हित में अनेक नई घोषणाएं करके उनकी बल्ले -बल्ले कर दी है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ,जो वित्त मंत्री भी हैं ने कृषि एवं किसानों से जुड़े अन्य विभागों के लिए बजट में काफी वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। इनमें कृषि विभाग के बजट में 19.2 प्रतिशत बागवानी में 95.50 प्रतिशत पशुपालन में 50.9 प्रतिशत तथा मत्स्य पालन विभाग में 144.40 प्रतिशत बजट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।

वित्त मंत्री द्वारा अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का बजट बढ़कर  4229.29 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियाँ हमारे छोटे से प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ की हड्डी हैं और हमेशा रहेंगी। हर किसान की खेती में लागत कम करनाउसकी फसलों की पैदावार को हर वर्ष बढ़ाते रहनाहर फसल को एमएसपी पर खरीद की गारंटी देनाउसके खेत की मिट्टी की सेहत अच्छी रखनाउसके खेत में  पानी की हर बूंद से अधिक से अधिक उपज लेनाउसे अच्छे बीजखाद और कीटनाशक उपलब्ध करवानाउसकी रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करनाप्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देना और उसकी आय को लगातार बढ़ते रहना ही प्रदेश सरकार की पिछले दस वर्षों की तरह इस वर्ष भी परम प्राथमिकताएं रहेगी।

उन्होंने कहा कि गत जनवरी को हिसार कृषि विश्वविद्यालय के प्रांगण में कृषिबागवानीपशुपालनमत्स्य पालन और सहकारिता से जुड़े सैकड़ों किसानों तथा कृषक उत्पादक संगठनों से लोगों के साथ लगभग घंटे चले विचार-विमर्श में 161 सुझाव मिले थे।

मुख्यमंत्री ने ख़ुशी जताई कि इस विचार-विमर्श के दौरान हर वक्ता ने "मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल" ई-खरीद पोर्टल, "मेरा पानी मेरी विरासत", "भावान्तर भरपाई योजना"फसल अवशेष प्रबन्धन प्रोत्साहन और प्राकृतिक खेती जैसी अनेक योजनाओं की प्रशंसा की थी तथा इन सभी नवाचारों को आगे बढाने का आग्रह भी किया गया था।

उन्होंने बताया कि उस बैठक के प्रायः सभी सुझावों को इस बजट में किसी न किसी रूप में शामिल करने का पूरा प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों से मिले छह नीतिगत सुझावों का वर्णन भी किया। उन्होंने बताया कि नकली बीज व कीटनाशक बेचने वाले असामाजिक तत्वों के चंगुल से किसानों को बचाने के लिए सदन के इसी सत्र में एक बिल लाया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि शीघ्र ही एक नई बागवानी नीति बनाई जाएगी जिसके तहत मूल्य संर्वधनभण्डारणप्रोद्यौगिकीमार्केटिंग आदि के द्वारा प्राकृतिक व जैविक बागवानी को दोनों प्रकार के एफपीओ के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो कृषक उत्पादक संगठन अर्थात् एफपीओ एक कम्पनी के रूप में पंजीकृत हैउन्हें तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है परंतु जो कृषक उत्पादक संगठन एक सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत हैवे इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते है। इस बागवानी नीति से यह अंतर समाप्त हो जाएगा।

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