पंजाब सरकार का लोगों को बड़ा तोहफा! 4727 परिवारों का कर्ज माफ
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को अमृतसर में किसानों को बड़ी राहत देते हुए 67.84 करोड़ रुपए की कर्जमाफी की। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 4727 किसानों को कर्जमाफी के सर्टिफिकेट बांटे।
यह पहल राज्य सरकार की किसान कल्याण नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गरीब किसानों को राहत देना है। सीएम ने इस अवसर पर पहले की सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने लूपहोल बंद कर पैसे इकट्ठे किए, जिससे यह राहत संभव हो सकी।
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान सीएम भगवंत मान ने एक बार फिर सुखबीर बादल पर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि इन्होंने धर्म को जेब में डाल रखा है, कभी ये जत्थेदार हटा दो, कभी किसी को लगा दो। कभी किसी की सजा माफ कर दो। लेकिन आज के युवा समझ चुके हैं। परिवार अगर किसी को वोट डालने को कहता है तो युवा अपनी मर्जी से वोट डालने की बात करते हैं, इसीलिए राज्य में दो पार्टियों का नेक्सस टूटा है।
सीएम ने सुखबीर बादल को सलाह दी कि उन्हें अब घर बैठ जाना चाहिए। लोग अब उनसे सेवा नहीं करवाना चाहते। सुखबीर बादल पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का जिक्र करते हैं कि पंजाब के काम उन्होंने करवाए।
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लेकिन, सीएम ने उनकी इस बात को भी झूठा करार देते हुए कहा कि अकाली सरकार ने ना कोई स्कूल बनाया, ना कोई कॉलेज, जो सड़कें बनाईं, वे भी प्राइवेट कंपनियों को ठेके पर दी। उनकी सरकार ने टोल प्लाजा बंद करवाए, जो अकाली सरकार के समय बने थे।
यह कार्यक्रम राज्य सरकार की किसान कल्याण नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कर्ज माफी की गई है। इस पहल से राज्य के हजारों किसान परिवारों को राहत मिली है।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पुरानी सरकारों में कई लूप होल थे। जिन्हें बंद करके आम आदमी पार्टी की सरकार पैसे इकट्ठे कर रही है। यही कारण है कि आज किसानों के पैसे माफ हो रहे हैं। आज 4727 परिवारों का 67.84 करोड़ माफ किया गया है और ये सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।
यह कर्जमाफी योजना पंजाब सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इससे किसानों को न केवल आर्थिक राहत मिली है, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ा है। सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम से राज्य में कृषि नीति की दिशा और सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलेगा। यह कार्यक्रम किसानों के लिए एक उत्साहजनक संदेश देगा और भविष्य में होने वाली योजनाओं की रूपरेखा भी स्पष्ट करेगा।