राम मंदिर में लगाए जा रहे सागवान के अद्भुत दरवाजे....1000 साल होगी उम्र...100 किलो सोने की चढ़ेगी परत

राम मंदिर में लगाए जा रहे सागवान के अद्भुत दरवाजे....1000 साल होगी उम्र...100 किलो सोने की चढ़ेगी परत

राम मंदिर के दरवाजों पर फिर सोना लगाए जाने की शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। हर दरवाजे पर 3 किलो सोना लगाया जाएगा। राम दरबार के सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा।

करीब एक साल पहले राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के 14 दरवाजों पर सोना लगाया गया था। हर दरवाजे पर करीब 3 किलो सोना लगा। जून में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, ट्रस्ट 3 दिन तक उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें क्या होगा? इसका शेड्यूल ट्रस्ट ने जारी नहीं किया है।

फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि राम और सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। लक्ष्मण और शत्रुघ्न पंखा डोलाते हुए दिखेंगे। हनुमानजी और भरत की प्रतिमाएं चरणों में बैठे हुए होंगी।

इन मूर्तियों को जयपुर में शिल्पकार सत्यनारायण पांडे ने तैयार किया है। इनको बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। जबकि परकोटे में 6 मंदिर बन रहे हैं। इनमें भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित होंगी। जून में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तिथि तय की जा रही है।

राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर कुल 6 दरवाजे लगाए जा रहे हैं। इसे महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लाई गई सागौन लकड़ी से बनाया गया है। इस पर पहले तांबा की परत चढ़ाई गई। अब सोने की परत लगाई गई है। इन दरवाजों पर दो हाथी कमल के पुष्प पर जल की वर्षा करते दिख रहे हैं। दरवाजे के दोनों ओर जय विजय के प्रतीक बने हुए हैं।

गुरुवार को फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाने की शुरुआत की गई। राम मंदिर के 4 फीट के कलश पर सोना लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले 3 दिनों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

इससे पहले मंगलवार को वैशाख तृतीया पर मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया। जिससे मंदिर की कुल ऊंचाई अब 203 फुट हो गई है।

GDaa5CjXIAAyNmx

Read Also : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहुंचे नंगल डैम , कहा - हमारे पास पानी की एक भी बूंद नहीं

महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड को एल एंड टी और टीसीएस की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रॉली और दो टावर क्रेन की मदद से 161 फुट ऊंचे शिखर तक पहुंचाकर स्थापित किया। सुबह 6.30 बजे से 8 बजे तक इसे लगाया गया। ध्वज दंड का निर्माण गुजरात की भरत भाई कंपनी ने विशेष डिजाइन के साथ किया है, जोकि मंदिर की पवित्रता और भव्यता के अनुरूप है।