अब चंडीगढ़ में ही चलेगा बहबल कलां फायरिंग केस
बहबल कलां फायरिंग कांड में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। इस एसएलपी के तहत बहबल कलां फायरिंग केस की सुनवाई फरीदकोट कोर्ट से चंडीगढ़ कोर्ट में ट्रांसफर करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
यह मामला 2015 के बहबल कलां फायरिंग कांड से जुड़ा है, जो पंजाब में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उसके बाद पुलिस फायरिंग की घटनाओं से जुड़ा है। इस केस को लेकर लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का फैसला न्यायिक दृष्टि से उचित है। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार की स्पेशल लीव पिटीशन को भी खारिज कर दिया।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कुछ समय पहले केस को निष्पक्ष सुनवाई और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ ही पंजाब सरकार ने बीते साल सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था।
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बहबल कलां फायरिंग केस अक्टूबर 2015 में फरीदकोट जिले के बहबल कलां गांव में हुई गोलीबारी से जुड़ा है, जिसमें धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की थी, जिससे दो लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।इस मामले में पंजाब पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगे थे और ट्रायल की प्रक्रिया पर भी सवाल उठते रहे हैं।


