किन्नौर-स्पीति में बारिश के बाद बाढ़, घरों में घुसा मलबा:चलती गाड़ी पर पत्थर गिरे, 2 घायल
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और लाहौल स्पीति में आज दोपहर बाद भारी बारिश से बाढ़ आ गई। स्पीति के खुरिख गांव में अचानक बाढ़ से मलबा कई घरों में घुस गया। इस दौरान लोग ने जोर-जोर से चिल्लाएं और घरों से बाहर भागे। किन्नौर के लियो कंडा का युलांग नाला में भी तेज बारिश के बाद बाढ़ आ गई। गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
वहीं कुल्लू के नित्थर में बीती रात को बड़े-बड़े पत्थर पिकअप पर आकर गिरे। इसमें 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को रामपुर के खनेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की पहचान विक्रांत और राजेश के रूप में हुई है। लैंडस्लाइड की वजह से नित्थर के पास सैंज-लुहरी नेशनल हाईवे-305 10 घंटे बंद रहा।
वहीं नदी और नालों में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए शिमला के झाखड़ी, कड़छम और बिलासपुर के कोलडैम से पानी छोड़ा गया है। इससे सतलुज नदी का जल स्तर 4 से 5 मीटर बढ़ गया।
पहाड़ों पर बारिश के बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने भी डैम से 42 हजार क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा गया। फिलहाल पंजाब में लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
शिमला के रामपुर-झाखड़ी स्थित डेम से भी सिल्ट की मात्रा अधिक होने से 8 बजकर 30 मिनट पर पानी छोड़ा गया। इसके बाद रामपुर से आगे सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा है। कोलडैम से सुबह 7.15 बजे बांध से पानी छोड़ दिया गया। शाम 5 बजे झाखड़ी डैम से दोबारा पानी छोड़ा जाएगा।

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हिमाचल और पंजाब में सतलुज किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। सतलुज का पानी हिमाचल के बिलासपुर के बाद सीधे पंजाब के रोपड़ (रूपनगर) में प्रवेश करता है। रोपड़ से आगे, सतलुज नदी पंजाब में पश्चिम दिशा की ओर बहती हुई, लुधियाना जिले से होकर गुजरती है। इसके बाद, यह हरिके-पत्तन के पास ब्यास नदी से मिलती है और फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुड़कर भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ बहती है। अंत में, यह नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है और बहावलपुर के पास चिनाब नदी में मिल जाती।


